ना जाने तेरी ख़ूबसू
रती थी बजह
रती थी बजह
मेरा दिल तो आगे बढ़ गया
पर धड़कन तुम्ही रह गयीं
तेरे साथ बो पहली मुलाकात मेरे दिल के पास है
तुझे दिए हुए फूल की तस्वीर अभी भी मेरे पास है
उस फूल के माली को आज तक किस्तें देते आ रहा हूँ
मैं तो राख बन चुका पर तेरा जिक्र अभी भी मेरे होठों के पास है
Mr. Gaurav Rana
Mr. Gaurav Rana
Sandar
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