अर्शेह बाद मेरे शहर में बो आने बाले हैं
दिये जलाएं रंग उड़ायें या फिर ख़ुशी से झूमें
आज मुसलसल सारे त्यौहार आने बाले हैं
मुद्दत बाद आईना भी निकला है मैंने
इत्तेफ़ाक से हम अपनी सूरत संभालने बाले हैं
नज़र मिली होंठ खिले नज़र मिली होंठ खिले फिर आँखें चहकीं
और आज हम इजहारे मोहब्बत करने बाले हैं
ये हकीकत ही थी की हम उनके सामने पहुंचे
ये हकीकत ही थी की हम उनके सामने पहुंचे
सच ये भी है कि अब वो मेरे करीब आने बाले हैं
तभी जो माँ ने काटी चुटकी मेरे गाल पर कहा
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